पटना।सारण जिले की सबसे चर्चित सीटों में शामिल एकमा विधानसभा क्षेत्र इस बार पूरे बिहार के राजनीतिक गलियारों में चर्चा का केंद्र बना हुआ है। सी-वोटर के ताज़ा सर्वे ने इस सीट पर सभी सियासी दलों के होश उड़ा दिए हैं। सर्वे के अनुसार, जन सुराज आंदोलन के उम्मीदवार देव कुमार सिंह को क्षेत्र की जनता भारी समर्थन दे रही है।सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, 42 प्रतिशत मतदाता देव कुमार सिंह के पक्ष में एकजुट नजर आ रहे हैं, जबकि राजद के मौजूदा विधायक श्रीकांत यादव को केवल 28 प्रतिशत समर्थन मिला है। जदयू के प्रत्याशी और पूर्व विधायक धूमल सिंह को 30 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान है। यह आंकड़ा साफ संकेत दे रहा है कि एकमा में मुकाबला अब पारंपरिक गठबंधनों से निकलकर जन सुराज बनाम पुरानी पार्टियों की लड़ाई बन चुका है।राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि प्रशांत किशोर की रणनीति इस सीट पर पूरी तरह कारगर साबित हो रही है। पिछले दो वर्षों से जन सुराज की टीम ने गांव-गांव जाकर जनसंवाद, पंचायत दर पंचायत संगठन निर्माण और मुद्दा आधारित राजनीति पर फोकस किया। इसका असर अब वोट में तब्दील होता दिख रहा है।
देव कुमार सिंह का स्थानीय जुड़ाव, राजपूत समाज में पकड़ और प्रशांत किशोर की जमीनी रणनीति ने मिलकर एकमा को जन सुराज की सबसे मजबूत सीट बना दिया है। स्थानीय स्तर पर युवाओं और बुद्धिजीवियों का समर्थन भी जन सुराज को नई ऊर्जा दे रहा है।इधर, पूरे सारण जिले में भी दिलचस्प समीकरण बन रहे हैं। सर्वे के अनुसार, सोनपुर, अमनौर, तरैया, बनियापुर और छपरा सीटें बीजेपी के खाते में जाती दिख रही हैं, जबकि मढ़ौरा और गड़खा (सुरक्षित) पर राजद की स्थिति बेहतर है। जदयू मांझी और परसा में आगे बताई जा रही है।लेकिन इन तमाम समीकरणों के बीच एकमा वह सीट बन गई है जहां प्रशांत किशोर का प्रयोग सबसे बड़े राजनीतिक उलटफेर का कारण बन सकता है।सी-वोटर सर्वे ने यह साफ संकेत दे दिया है कि एकमा में जन सुराज का ‘जन’ इस बार ‘सुराज’ की ओर बढ़ चला है — और अगर यही रुझान मतदान तक कायम रहा, तो देव कुमार सिंह एक ऐतिहासिक जीत दर्ज कर सकते हैं।
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