बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का रंग अब पूरी तरह चढ़ चुका है। सारण जिले की बनियापुर विधानसभा सीट इस बार विशेष रूप से सुर्खियों में है। वजह है—तेज प्रताप यादव की समर्थित प्रत्याशी पुष्पा सिंह का चुनावी मैदान में उतरना। पुष्पा सिंह का नाम आते ही सियासी समीकरणों में हलचल मच गई है।पुष्पा सिंह का राजनीतिक सफर स्थानीय ज़मीन से जुड़ा रहा है। वे पहले जिला परिषद की सदस्य रह चुकी हैं और जनता के बीच उनका गहरा जनसंपर्क है। बनियापुर के लोग उन्हें “अपनी बेटी” की तरह मानते हैं — यही कारण है कि उनका प्रभाव गांव से लेकर कस्बे तक साफ़ झलकता है।सिर्फ राजनीति ही नहीं, सांस्कृतिक दुनिया में भी पुष्पा सिंह एक जाना-पहचाना नाम हैं। उन्होंने भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव और लोकगायक गुड़ू रंगीला जैसे बड़े कलाकारों के साथ मंच साझा किया है। स्टेज परफॉर्मर के रूप में उनकी लोकप्रियता ने उन्हें जनता के बीच एक सशक्त पहचान दी है — जो अब राजनीति में उनकी ताकत बन चुकी है।दिलचस्प बात यह है कि पुष्पा सिंह पहले जन सुराज अभियान से जुड़ी रहीं। वहां से टिकट की दावेदारी के बावजूद जब उन्हें मौका नहीं मिला, तो उनके प्रति सहानुभूति की लहर उभर आई। स्थानीय स्तर पर लोगों का मानना है कि “पुष्पा को टिकट मिलना चाहिए था” — यह भावना अब उनके लिए वोट में तब्दील होती दिख रही है।बनियापुर की सियासत में इस बार मुकाबला सिर्फ जातीय समीकरणों का नहीं, बल्कि लोकप्रियता बनाम संगठन का भी है। तेज प्रताप यादव के समर्थन से पुष्पा सिंह को युवा मतदाताओं का बड़ा वर्ग साथ मिल रहा है। वहीं, उनका लोकसंस्कृति से जुड़ा चेहरा और सामाजिक कार्यों में सक्रिय भूमिका उन्हें आम मतदाता के बीच विश्वसनीय बनाता है।कुल मिलाकर, बनियापुर की जंग इस बार त्रिकोणीय नहीं बल्कि चौमुखी होती जा रही है। पुष्पा सिंह के मैदान में उतरने से समीकरण पूरी तरह बदल गए हैं। जन सुराज से टिकट कटने के बावजूद उनके प्रति सहानुभूति और जनता का जुड़ाव यह बता रहा है कि पुष्पा सिंह इस चुनाव में “डार्क हॉर्स” साबित हो सकती हैं।

0 Comments