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चिरैया विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी की दौड़ में संत योगी अखिलेश्वर दास का नाम प्रमुखता से उभरा

पूर्वी चंपारण के चिरैया विधानसभा क्षेत्र की राजनीति इन दिनों नए समीकरण गढ़ रही है। भारतीय जनता पार्टी से संभावित उम्मीदवार के रूप में संत योगी अखिलेश्वर दास का नाम तेजी से सुर्खियों में है। क्षेत्रीय चर्चाओं से लेकर सोशल मीडिया तक, “बिहार के योगी” कहे जाने वाले अखिलेश्वर दास की लोकप्रियता और स्वीकार्यता को लेकर गहन बहस चल रही है।

साफ-सुथरी छवि और सामाजिक सरोकार

संत योगी अखिलेश्वर दास अपने धार्मिक जीवन, सेवा भाव और सामाजिक कार्यों के कारण अलग पहचान रखते हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य और गरीबों की मदद जैसे कार्यों में उनका योगदान उन्हें आम लोगों से जोड़ता है। स्थानीय लोग उन्हें एक साधारण लेकिन प्रभावशाली व्यक्तित्व के रूप में देखते हैं। यही कारण है कि राजनीति में उनके नाम पर भरोसा बढ़ा है।

शिवहर से बनाई थी चर्चा

2024 के लोकसभा चुनाव में भी संत योगी अखिलेश्वर दास ने अपनी भूमिका दर्ज कराई थी। शुरुआती दौर में उन्होंने शिवहर लोकसभा सीट पर भाजपा का समर्थन किया, लेकिन बाद में पार्टी रणनीति के तहत जदयू प्रत्याशी लवली आनंद के पक्ष में अपना रुख बदल लिया। अंतिम समय में उनकी यह निर्णायक भूमिका क्षेत्रीय राजनीति में काफी चर्चित रही और इसी कारण उन्हें “गेम चेंजर” भी कहा गया।

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से तुलना

संत अखिलेश्वर दास की कार्यशैली और जीवनशैली को देखते हुए कई लोग उनकी तुलना उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से करते हैं। जैसे योगी आदित्यनाथ ने धार्मिक आभा और सख्त प्रशासनिक छवि के साथ राजनीति में अलग स्थान बनाया, वैसे ही बिहार में अखिलेश्वर दास को एक ऐसे नेता के रूप में देखा जा रहा है जो साधु जीवन से निकलकर जनता की सेवा और राजनीति में मजबूत उपस्थिति दर्ज कर सकते हैं।

भाजपा में मजबूत दावेदारी

चिरैया विधानसभा से भाजपा के लिए यह सीट महत्वपूर्ण मानी जाती है। पार्टी के भीतर कई नामों की चर्चा के बीच संत योगी अखिलेश्वर दास की साफ छवि, धार्मिक पृष्ठभूमि और जनसेवा का लंबा रिकॉर्ड उन्हें सबसे अलग खड़ा करता है। यदि पार्टी उन्हें उम्मीदवार बनाती है तो यह संदेश जाएगा कि भाजपा ने “सेवा और त्याग” की छवि वाले नेता को जनता के सामने रखा है।

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