*बिहार के मंत्री जीवेश मिश्रा पर विपक्ष का आरोप निराधार, कोर्ट की अवमानना : दानिश इकबाल*
*विपक्ष को झूठ और भ्रामक बातें बोलने की आदत हो गई है : दानिश इकबाल*
*मंत्री जीवेश मिश्रा का किसी भी दवा बनाने वाली कंपनी से कोई लेना देना नहीं : नरेश दीक्षित*
*विपक्ष का कभी कोर्ट पर विश्वास नहीं रहा, इस कारण कोर्ट के न्याय निर्णय पर भी उठा रहे सवाल: नरेश दीक्षित*
*विपक्ष भाजपा के किसी भी नेता पर बेबुनियाद या आधारहीन आरोप लगाएगा तो लीगल सेल विधि सम्मत क़दम उठाएगी : विंध्याचल राय*
पटना, 14 जुलाई। भाजपा के नेता और बिहार के मंत्री जीवेश मिश्रा पर विपक्ष के द्वारा लगाए गए आरोपों को भाजपा ने निराधार बताया है। भाजपा ने साफ किया कि विपक्ष द्वारा दवा बनाने को लेकर लगाए जा रहे सभी आरोप भ्रामक और राजनीति से प्रेरित हैं।
बिहार भाजपा लीगल सेल ने आज प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता में सिलसिलेवार तरीके से विपक्ष के आरोपों को गैर जिम्मेदाराना बताते हुए सभी आरोपों को निराधार कहा।
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए प्रदेश मीडिया प्रभारी दानिश इकबाल ने कहा कि विपक्ष ने जो भी आरोप मंत्री जीवेश मिश्रा पर लगाए हैं, वह झूठ पर आधारित हैं। कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत के बयानों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि जब कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई की है और इस मामले को जेल जाने लायक नहीं समझा, तो कांग्रेस की नेत्री का बयान पूरी तरह से कोर्ट की अवमानना है।
उन्होंने प्रेस वार्ता में बताया कि ऐसे बयान देने वाले पप्पू यादव, रोहिणी आचार्या, ऋषि मिश्रा, मशकूर अहमद उस्मानी और बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम को मानहानि का नोटिस भेजा गया है। नोटिस में साफ तौर पर कहा गया है कि 15 दिनों के अंदर ये लोग सार्वजनिक रूप से माफी मांगे, अन्यथा हम लोग विधि सम्मत आगे कदम उठाएंगे। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि यह पूरा विषय मंत्री जीवेश मिश्रा की राजनीतिक छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए उठाया गया है।
उन्होंने बताया कि विपक्ष की आदत झूठ बोलने की हो गई है, इस कारण वह इस कानूनी मामले पर भी झूठ बोल रही है।
भारत सरकार के सीनियर काउंसिल, भारत सरकार एवं हाई कोर्ट के अधिवक्ता नरेश दीक्षित ने प्रेस वार्ता में कहा कि विपक्ष मंत्री जीवेश मिश्रा को लेकर झूठ और मनगढ़ंत बातें तब कर रही है, जब कोर्ट द्वारा न्याय निर्णय आ चुका है। उन्होंने बताया कि जीवेश मिश्रा न किसी दवा बनाने वाली कंपनी के मालिक हैं, न निदेशक हैं और न ही पार्टनर हैं। जब वे कुछ हैं ही नहीं, तो नकली दवा की बात कहां आती है? उन्होंने इसे लेकर विपक्ष को चुनौती भी दी।
उन्होंने विस्तार से बताते हुए कहा कि 2012 में एक ड्रग इंपेक्टर ने शिकायत की कि सिप्रोलिन दवा की जांच कराई थी। इसमें सभी मानक सही पाए गए। इसके सही ढंग से नहीं रखने पर इसकी गुणवत्ता प्रभावित हुई। ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं आई कि यह दवा नकली है या मिलावट है।
अल्टो हेल्थ कंपनी केवल दवा वितरण का काम करती है। कानूनी तकनीकी आधार पर इन्हें भी आरोपी बनाया गया। कोर्ट का निर्णय में प्रोबेशन ऑफ ऑफेंडर्स एक्ट का लाभ मिला। प्रोबेशन ऑफ ऑफेंडर्स एक्ट का लाभ तभी दिया जाता है, जब आरोपी का कोई ऐसा इतिहास नहीं हो। कोई नकली दवा बनेगा, तो यह नहीं मिल सकता। जीवेश मिश्रा का दवा बनाने की कंपनी से कोई लेना-देना नहीं है।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से मंत्री जीवेश मिश्रा को लेकर विपक्ष द्वारा बयान दिए गए हैं, यह सीधे कोर्ट की अवमानना है और उस पर टिप्पणी है। विपक्ष का कभी कोर्ट पर विश्वास रहा नहीं है।
उन्होंने साफ कहा कि जीवेश मिश्रा के खिलाफ जो भी टिप्पणियाँ की जा रही हैं, वह गलत हैं। उन्होंने यहां तक कहा कि कोई फाइन तक नहीं किया गया है।
इस प्रेस वार्ता में भाजपा लीगल सेल के प्रदेश संयोजक विंध्याचल राय ने विपक्ष को सचेत करते हुए कहा कि भविष्य में अगर विपक्ष भाजपा के किसी भी नेता पर बेबुनियाद या आधारहीन आरोप लगाती है तो भाजपा का लीगल सेल नोटिस भेजने और विधि सम्मत कदम उठाएगी।
इस प्रेस वार्ता में प्रदेश मंत्री रत्नेश कुशवाहा भी मौजूद रहे।
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