हरि नारायण सिंह का राजनीतिक सफर एक जमीनी कार्यकर्ता से शुरू होकर संगठन के विभिन्न स्तरों तक पहुंचा है। मंडल अध्यक्ष से लेकर जिला कार्यकारिणी और प्रदेश कार्यसमिति तक, उन्होंने हर दायित्व को पूरी निष्ठा और कर्मठता से निभाया है। उनकी सबसे बड़ी ताकत कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद और आमजन की समस्याओं को प्राथमिकता देना रहा है। वे तरैया के उन नेताओं में हैं जो केवल चुनाव के समय नहीं, बल्कि सामान्य दिनों में भी जनता के बीच सक्रिय रहते हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, सिंचाई और किसान कल्याण जैसे बुनियादी मुद्दों को लेकर वे लगातार प्रशासन और सरकार से संवाद करते रहे हैं। यही कारण है कि तरैया की जनता उन्हें एक संवेदनशील, सुलभ और संघर्षशील नेता के रूप में देखती है।
हरि नारायण सिंह की राजनीति संघ के संस्कारों से पोषित है। आत्मानुशासन, सेवा और राष्ट्रभक्ति उनके व्यक्तित्व की पहचान है। उन्होंने कभी व्यक्तिगत प्रचार को प्राथमिकता नहीं दी, बल्कि संगठन हित को सर्वोपरि रखा। यही कारण है कि वे कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ नेतृत्व के बीच एक “निष्ठावान स्वयंसेवक” की छवि के साथ स्थापित हैं। वर्तमान में वे भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य के रूप में पार्टी को अपना योगदान दे रहे हैं, जबकि पूर्व में वे भाजपा युवा मोर्चा सहित कई पदों पर रहे हैं और संगठन की नींव को मजबूत करने में सक्रिय भूमिका निभा चुके हैं।
तरैया विधानसभा क्षेत्र पिछले कुछ वर्षों से विकास की दौड़ में पीछे नजर आ रहा है। जनता अब ऐसे नेतृत्व की ओर देख रही है, जो मूल्य आधारित राजनीति और ईमानदारी के साथ विकास की दिशा में ठोस कार्य कर सके। हरि नारायण सिंह की छवि इस अपेक्षा पर पूरी तरह खरी उतरती है। भाजपा यदि उन्हें तरैया से प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतारती है, तो यह न केवल संगठन की विचारधारा और संघर्षशीलता का सम्मान होगा, बल्कि क्षेत्र की जनता को भी एक समर्पित और कर्मठ नेतृत्व प्राप्त होगा, जो वादों से नहीं, कार्यों से विश्वास अर्जित करता है।
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