पटना।बिहार की सियासी सरजमीं पर एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। विधानसभा चुनाव की तैयारियों ने रफ्तार पकड़ ली है और खासकर महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली एकमा विधानसभा सीट इस बार सूबे की सबसे हॉट सीटों में शुमार हो चुकी है। जातीय समीकरण, जमीनी पकड़ और जनता से सीधा जुड़ाव—इन्हीं तीन बातों पर इस सीट की लड़ाई केंद्रित होती नजर आ रही है।कामेश्वर सिंह मुन्ना: एनडीए के सबसे सशक्त चेहरे के रूप में उभरे।2020 के विधानसभा चुनाव में लोजपा (रामविलास) से उम्मीदवार रहे कामेश्वर सिंह मुन्ना की लोकप्रियता इस बार और भी बढ़ी है। चिराग पासवान के करीबी माने जाने वाले कामेश्वर सिंह न केवल एक राजनेता हैं बल्कि जनता के सुख-दुख के सच्चे भागीदार के रूप में जाने जाते हैं। बीते दो दशकों से वे लगातार एकमा विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय हैं, और उनका जनसंपर्क नेटवर्क ग्रामीण से लेकर शहरी इलाकों तक फैला हुआ है।एनडीए में टिकट को लेकर अंदरूनी खींचतान तेज।एनडीए खेमे में टिकट बंटवारे को लेकर रस्साकशी तेज हो गई है। चर्चा है कि यदि कामेश्वर सिंह मुन्ना को एकमा विधानसभा से उम्मीदवार बनाया जाता है तो एनडीए की स्थिति बेहद मजबूत हो जाएगी। वहीं दूसरी ओर, यदि धूमल सिंह को टिकट दिया गया तो भाजपा के परंपरागत वोटबैंक—खासकर राजपूत समाज—में भारी असंतोष देखने को मिल सकता है।लोकसभा चुनाव 2024: जनार्दन सिंह सिग्रीवाल को एकमा विधानसभा में कामेश्वर सिंह की वजह से मिली बढ़त।गौरतलब है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी जनार्दन सिंह सिग्रीवाल को एकमा विधानसभा क्षेत्र में निर्णायक बढ़त कामेश्वर सिंह मुन्ना की वजह से ही मिली थी। क्षेत्रीय सूत्रों के अनुसार, मुन्ना की सक्रिय भागीदारी, बूथ स्तर तक की रणनीति और मजबूत कार्यकर्ता नेटवर्क ने एनडीए को मजबूती प्रदान की थी।धूमल सिंह पर सवालिया निशान
वहीं दूसरी तरफ, धूमल सिंह का लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी आकाश सिंह को अघोषित समर्थन देना भाजपा कार्यकर्ताओं और राजपूत समाज को खल गया। इस बात की व्यापक चर्चा है कि यदि उन्हें फिर से एकमा विधानसभा से टिकट दिया गया तो एनडीए को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।जनता की पसंद साफ: एकमा विधानसभा में चाहते हैं कामेश्वर सिंह को।एकमा विधानसभा क्षेत्र की जनता से बातचीत करने पर साफ तौर पर यह नजर आता है कि कामेश्वर सिंह मुन्ना को ही वे अपना प्रतिनिधि मानते हैं। उनकी जमीनी पकड़, मिलनसार स्वभाव और क्षेत्र के हर वर्ग से संवाद उन्हें बाकी नेताओं से अलग खड़ा करता है।इस बार एकमा विधानसभा सीट पर मुकाबला दिलचस्प जरूर होगा, लेकिन अगर एनडीए नेतृत्व जनता की नब्ज समझ कर फैसला लेता है और कामेश्वर सिंह मुन्ना को उम्मीदवार बनाता है, तो यह सीट एनडीए की झोली में जाते देर नहीं लगेगी।
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