पार्टी में निभाई कई जिम्मेदारियां
उन्होंने 2010 से 2012 तक किसान मोर्चा के गन्ना प्रकोष्ठ में संयोजक, 2012 से 2014 तक आरटीआई मंच के बिहार भाजपा महामंत्री और 2014 में महुआ विधानसभा के प्रभारी जैसे अहम पदों पर कार्य किया है। वर्तमान में वे सह-संयोजक, सहकारिता प्रकोष्ठ, बिहार प्रदेश भाजपा के रूप में कार्यरत हैं।
दो बार निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में आजमा चुके हैं किस्मत
हेम नारायण सिंह दो बार सोनपुर विधानसभा से स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ चुके हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने राजपूत समाज के उम्मीदवार के रूप में प्रभावशाली प्रदर्शन किया और दूसरे स्थान पर रहे। बिना पार्टी के समर्थन के भी जनता के बीच इस स्तर तक पहुंचना उनकी लोकप्रियता का परिचायक है।
सामाजिक संतुलन और जनसंपर्क में निपुण
हेम नारायण सिंह को सोनपुर में एक ऐसे नेता के रूप में जाना जाता है जो न केवल सवर्ण समाज बल्कि अल्पसंख्यक और दलित समुदायों के बीच भी सम्मानित और लोकप्रिय हैं। क्षेत्र की जनता अक्सर अपनी समस्याएं लेकर उनके पास पहुँचती है, और वे हर वर्ग के लिए उपलब्ध रहते हैं। चाहे प्रशासनिक अड़चन हो या सामाजिक सहायता, वह लोगों के बीच हमेशा सक्रिय नजर आते हैं।
भाजपा में टिकट की दौड़ में सबसे आगे
संगठन में उनकी वर्षों की सेवा, स्थानीय जनता के साथ उनका मजबूत जुड़ाव और सभी वर्गों में उनकी स्वीकार्यता ने उन्हें सोनपुर से भाजपा का टिकट पाने की रेस में सबसे आगे ला खड़ा किया है। माना जा रहा है कि यदि पार्टी ने हेम नारायण सिंह पर भरोसा जताया तो भाजपा को इस क्षेत्र में बड़ी जीत मिल सकती है।
अब देखना यह होगा कि पार्टी नेतृत्व इस अनुभवी, समर्पित और जमीनी नेता को उम्मीदवार घोषित कर जनता की उम्मीदों को पंख देता है या नहीं। फिलहाल सोनपुर की जनता इस बार अपने प्रिय नेता को विधानसभा भेजने के लिए तैयार नजर आ रही है।
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