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सोनपुर विधानसभा क्षेत्र में नीतीश कुमार के सशक्त योद्धा बने आचार्य डॉ राहुल परमार

बिहार की राजनीति में सोनपुर विधानसभा सीट हमेशा से चर्चा में रही है। 2025 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर मुकाबला दिलचस्प होने वाला है। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) से आचार्य डॉ. राहुल परमार सबसे प्रबल दावेदार के रूप में उभरकर सामने आए हैं। संगठनात्मक रूप से मजबूत और जनसंपर्क अभियान में आगे रहने वाले परमार को पार्टी ने क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करने की जिम्मेदारी दी है।

राजनीतिक रणनीति में आचार्य राहुल परमार का बढ़ता कद

जदयू, इस बार सोनपुर में एक बड़े राजपूत चेहरे को आगे लाकर भाजपा के वोट बैंक में सेंध लगाने की तैयारी में है। आचार्य राहुल परमार राजपूत समुदाय से आते हैं, जो इस क्षेत्र में एक प्रभावशाली मतदाता समूह है।

1. नीतीश कुमार के करीबी और संगठनात्मक रूप से मजबूत – आचार्य राहुल परमार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू के शीर्ष नेतृत्व से जुड़े हैं। वे पार्टी की नीतियों को जमीनी स्तर पर मजबूत करने में लगे हैं।


2. राजपूत मतदाताओं पर मजबूत पकड़ – भाजपा अब तक इस समुदाय के मतों पर निर्भर रही है, लेकिन जदयू इस समीकरण को बदलने की कोशिश कर रही है।


3. गांव-गांव तक पहुंचने की रणनीति – वे लगातार क्षेत्र में दौरे कर रहे हैं और जनता से सीधा संवाद स्थापित कर रहे हैं, जिससे उनकी लोकप्रियता बढ़ रही है।


4. महागठबंधन में जदयू की मजबूत स्थिति – सोनपुर में यादव और राजपूत मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं। ऐसे में जदयू की स्थिति मजबूत होती दिख रही है।


5. नीतीश कुमार के विकास मॉडल को जनता तक पहुंचाने का प्रयास – वे लगातार मुख्यमंत्री के विकास कार्यों को जनता तक पहुंचा रहे हैं, जिससे लोगों का समर्थन जुटाने में सफल हो रहे हैं।



भाजपा की मुश्किलें, लेकिन दावेदारों की लंबी फेहरिस्त

भाजपा के लिए यह सीट बचाना चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। संभावित दावेदारों में विनय कुमार सिंह सबसे आगे माने जा रहे हैं, लेकिन टिकट की दौड़ में कई और नेता भी हैं—

ओम कुमार सिंह – मंत्री सुमित कुमार सिंह के ससुर और संगठन में सक्रिय।

विनोद सम्राट – स्थानीय भाजपा नेता।

उपेंद्र कुमार सिंह – भाजपा के वरिष्ठ नेता महाचंद्र सिंह के करीबी।

डॉ. पंकज कुमार सिंह – वरिष्ठ भाजपा नेता महेंद्र सिंह के पुत्र।


राजद में टिकट पर असमंजस, रोहिणी आचार्य सबसे आगे

राजद में मौजूदा विधायक रामानुज राय का टिकट कटना तय माना जा रहा है। इस सीट से लालू यादव की बेटी डॉ. रोहिणी आचार्य को चुनाव लड़ाने की चर्चा जोरों पर है।

अन्य संभावित दावेदार—

राजन कुमार राय – स्व. सिपाही लाल राय के बेटे और क्षेत्र में सक्रिय नेता।

अन्य यादव नेता – जो टिकट के लिए प्रयासरत हैं।


जातीय समीकरण और जदयू की नई रणनीति

यादव और राजपूत मतदाता इस सीट के निर्णायक कारक हैं। भाजपा के पास राजपूत वोटों का एक मजबूत आधार है, लेकिन जदयू इस पर सेंध लगाने की कोशिश कर रही है।

अगर जदयू से आचार्य राहुल परमार चुनाव लड़ते हैं, तो वे यादव, राजपूत, ब्राह्मण और अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं को एकजुट करने में सक्षम हो सकते हैं।

क्या होगा 2025 में सोनपुर विधानसभा का समीकरण?

भाजपा – अपने कोर वोटरों को एकजुट रखना सबसे बड़ी चुनौती।

राजद – यादव वोटों पर फोकस, लेकिन अन्य जातियों में सेंध लगाना मुश्किल।

जदयू – सही रणनीति अपनाई तो यह सीट उसके खाते में जा सकती है।


निष्कर्ष

सोनपुर विधानसभा चुनाव 2025 में आचार्य राहुल परमार की स्थिति सबसे मजबूत मानी जा रही है। जदयू अगर उन्हें उम्मीदवार बनाती है, तो वे भाजपा और राजद दोनों के लिए कड़ी चुनौती पेश कर सकते हैं। जदयू इस बार राजपूत चेहरे को आगे लाकर नया समीकरण बनाने की कोशिश में है, जिससे भाजपा के लिए यह मुकाबला और भी कठिन हो सकता है।

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