नीतीश कुमार के बाद कुर्मी समाज ने विधायक मंटू सिंह पटेल में खोजा अपना भविष्य
पटना। 19 फरवरी को पटना के ऐतिहासिक मिलर स्कूल ग्राउंड में आयोजित कुर्मी एकता रैली ने एक नया इतिहास रच दिया। इस रैली में बिहार भर से 50,000 से अधिक कुर्मी समाज के लोग एकजुट हुए और समाज के सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक उत्थान को लेकर विचार-विमर्श किया। यह ऐतिहासिक आयोजन कुर्मी समाज की एकता और उनकी राजनीतिक शक्ति का परिचायक बना।
कुर्मी एकता रैली का आयोजन और प्रमुख उपस्थिति
पटना के मिलर स्कूल ग्राउंड में यह भव्य रैली कुर्मी समाज के विभिन्न संगठनों के संयुक्त प्रयास से आयोजित की गई थी। इसमें बिहार के विभिन्न जिलों से हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। मंच पर बिहार के तमाम बड़े कुर्मी संगठनों के नेता मौजूद रहे, जिन्होंने समाज की एकजुटता और प्रगति पर जोर दिया। इस रैली में वरिष्ठ कुर्मी नेता रविंद्र मंडल ने विधायक मंटू सिंह पटेल को नीतीश कुमार के बाद कुर्मी समाज का अगला बड़ा नेता घोषित किया।
नीतीश कुमार के बाद कुर्मी समाज का नेतृत्व
रैली को संबोधित करते हुए वरिष्ठ कुर्मी नेता रविंद्र मंडल ने घोषणा की कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बाद विधायक मंटू सिंह पटेल कुर्मी समाज का नेतृत्व करेंगे। यह घोषणा कुर्मी समाज के लिए राजनीतिक रूप से एक महत्वपूर्ण संकेत था, जो आने वाले समय में बिहार की राजनीति में बड़ा प्रभाव डाल सकता है।
मंटू सिंह पटेल का जोशीला भाषण: एकता और सशक्तिकरण पर जोर
रैली में मुख्य वक्ता के रूप में विधायक मंटू सिंह पटेल ने समाज को संबोधित किया। अपने ओजस्वी भाषण में उन्होंने कुर्मी समाज की एकता, सामाजिक-आर्थिक भागीदारी और राजनीतिक सक्रियता पर जोर दिया। उन्होंने कहा—
"नीतीश कुमार हमारे आदर्श हैं। उन्हीं की बदौलत मैं एक साधारण मुखिया से विधायक बना। मेरा प्रयास रहेगा कि समाज के अधिक से अधिक लोग राजनीति में सक्रिय हों और मुखिया, प्रमुख, जिला परिषद सदस्य, विधायक, सांसद बनें।"
उन्होंने समाज को जागरूक करते हुए आगे कहा कि सिर्फ राजनीति ही नहीं, प्रशासनिक सेवाओं में भी कुर्मी समाज की भागीदारी बढ़नी चाहिए। उन्होंने छात्रों और अभिभावकों से अपील की—
"हर कोई विधायक या मुखिया नहीं बन सकता, लेकिन अगर हम अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दें, तो उन्हें अधिकारी जरूर बना सकते हैं। हमें अपने बच्चों को पढ़ाना होगा और प्रशासनिक सेवाओं में भेजना होगा, जिससे समाज मजबूत होगा।"
पटेल छात्रावास अभियान और समाज की समस्याएं
मंटू सिंह पटेल ने पटेल छात्रावास अभियान को कुर्मी समाज की शिक्षा और प्रगति से जोड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि समाज को संगठित होकर छात्रावासों की स्थापना करनी चाहिए, जिससे दूर-दराज के कुर्मी समाज के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके। उन्होंने समाज की विभिन्न समस्याओं पर भी प्रकाश डाला और उनके समाधान के लिए एकजुट होकर कार्य करने का संकल्प लिया।
कुर्मी एकता रैली का ऐतिहासिक महत्व
19 फरवरी को आयोजित कुर्मी एकता रैली बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण क्षण के रूप में दर्ज हुई। यह रैली न केवल कुर्मी समाज की एकजुटता का प्रतीक बनी, बल्कि इसने मंटू सिंह पटेल को बिहार के प्रमुख कुर्मी नेता के रूप में स्थापित कर दिया।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले वर्षों में कुर्मी समाज बिहार की राजनीति में किस तरह अपनी स्थिति को और मजबूत करता है और समाज की नई पीढ़ी किस प्रकार इस दिशा में आगे बढ़ती है।
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