अनूप नारायण सिंह की रिपोर्ट
पटना। जिस रामविलास पासवान के लिए बृजनाथी सिंह ने अपनी शहादत दी उसी वीर सपूत के बेटे राकेश रोशन के साथ चिराग पासवान ने बड़ा छल किया जिस समय चिराग का साथ उनके घर परिवार चाचा चचेरे भाई और सभी ने छोड़ दिया था उसे समय राकेश रोशन ने तन मन धन से चिराग का साथ दिया अब चिराग अपने राजनीतिक फायदे के लिए खासकर अपने पार्टी के बड़े राजपूत चेहरे को दरकिनार करने में लगे हैं लोकसभा चुनाव के बाद रुपौली में हुए विधानसभा चुनाव में वह अपने पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता पूर्व विधायक शंकर सिंह को टिकट तक नहीं दिलवा पाए शंकर सिंह ने निर्दलीय ताल ठोक और चुनाव जीतकर दिखा दिया राकेश रोशन राघोपुर में और हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र में बड़ा चेहरा है राजपूत वोटरों के बीच उनकी लोकप्रियता है और कहीं ना कहीं हाजीपुर से चिराग पासवान की जीत में उनका बड़ा हाथ है चिराग पासवान जिस तरह से निर्णय ले रहे हैं उससे उनकी राजनीतिक अपरिपक्वता तथा राजपूत विरोधी चेहरा भी सामने आया है। लोकसभा चुनाव में चिराग पासवान ने एक सीट खुद के लिए एक बहनोई के लिए और बाकी की तीन सीट जिन लोगों को दिया उनमें से बीना देवी को छोड़कर बाकी दो लोग दूर-दूर तक टिकट के दावेदार नहीं थे पर सब खेल पैसे का हो गया वैशाली से जी राजपूत चेहरे को चिराग ने भरोसा दिलाया था उसके साथ भी छल किया
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