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राजपूतों की रैली में नायक बनकर छा गए युवराज सुधीर सिंह

पटना से अनूप नारायण सिंह की रिपोर्ट
पटना के ज्ञान भवन में 8 अक्टूबर को आयोजित क्षत्रिय सम्मान रैली के बहाने पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के भतीजे युवराज सुधीर सिंह ने बिहार के युवा राजपूत नेताओं के बीच अपनी नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन कर दिया रैली में आई 70 फ़ीसदी भीड़ सुधीर सिंह लेकर आए थे तो मंच पर भी छाए रहे। आमतौर पर सोशल मीडिया पर उग्र विचारधारा के लिए जाने जाने वाले युवराज सुधीर सिंह आज काफी संयमित भाषण दे रहे थे उनका भाषण राजपूत समाज के संगठनों में बिखराव समाज के पतन के कर्म और राजनीतिक रूप से समाज को कमजोर करने की साजिश पर पूरा ध्यान केंद्रित रहा बातों ही बातों में उन्होंने अपने चाचा प्रभु नाथ सिंह और पिता दीनानाथ सिंह के मामले को भी उठाया और कहा कि राजस्थान उन्हें जेल में डाला गया है इसके लिए भी बड़ा आवाज उठाने की जरूरत है आज के वर्तमान समय में राजपूत समाज को बिहार में तीन से चार परसेंट में समेटने की कोशिश की गई है समाज के पास अपना कोई बड़ा नेता नहीं है जो नेता है भैया तो जेल में है या चुनाव लड़ने से वंचित कर दिए गए हैं ऐसे समय में समाज को एकजुट होकर अपना नेतृत्व खुद करना है और आपसी खींचतान को बुलाकर बिहार में एक मजबूत राजनीतिक ताकत बना है कई सारे घटनाओं का उल्लेख भी उदास सुधीर सिंह ने किया जिसमें मधुबनी की घटना भी प्रमुखता से छाई रही कभी ठाकुर का कुआं तो कभी जमींदारों पर जानबूझकर कराया जा रहे बयान बजिया के तरफ भी उन्होंने ध्यान आकर्षित कराया और कहा कि हमाराइतिहास है हमने देश के लिए अपना खून बहाया है तो फिर ऐसे लोग क्यों हमारे समाज के ऊपर में उंगली उठाते हैं उन्हें मुंहतोड़ जवाब मिलना चाहिए और भविष्य में हम लोगों पर टीका टिप्पणी करने से पहले उन्हें 100 बार सोचना चाहिए आयोजित रैली पटना के ज्ञान भवन में मेथी जहां उमड़ी भीड़ के कारण जगह भी कम पड़ गया था पटना के सड़कों पर भी आज दिनभर गम गामी रही मंच पर थोड़ी सी अवस्था नजर आई पर खुद अग्रणी नेताओं ने मंच के नीचे बैठकर एक बड़ा उदाहरण प्रस्तुत किया जिन लोगों ने इस आयोजन में महत्व भूमिका अदा की उसमें मांझी विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी रहे राणा प्रताप सिंह राजपूत नेता जय सिंह राठौर संजय कुमार सिंह रिंकू मुखिया तथा कार्यक्रम के आयोजक अमित सिंह उज्जैन प्रमुख रहे तमाम राजपूत संगठनों ने इस कार्यक्रम को समर्थन दिया था। युवराज सुधीर सिंह को छोड़कर बिहार का कोई भी बड़ा राजपूत नेता इस कार्यक्रम में नजर नहीं आया। रैली के आयोजन कर्ताओं पर युवराज सुधीर सिंह भारी पड़े सबसे ज्यादा गाड़ियों का काफिला छपरा के मसरख से आया था। आयोजक श्री राजपूत करणी सेवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना भी इस मौके पर खूब गरजे उन्होंने कहा कि यह पहला मौका है जब एक छत के नीचे इतने सारे राजपूत एकत्रित हुए हैं जिस तरह से प्रदेश और देश में राजपूतों के इतिहास को मिटाने की कोशिश हो रही है उसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा उन्होंने ठाकुर के कुआं का भी जिक्र किया और कहा कि जो लोग जानबूझकर ऐसी गलती कर रहे हैं उन्हें इस मंच से कर संदेश दिया जा रहा है भविष्य में ऐसी गलती नहीं करें राजपूत सदैव देश के लिए लड़ा मारा है उसने अपने लिए कुछ नहीं किया है उसके लिए देश सबसे पहले है।

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