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सोशल मीडिया के वायरल लोगों का शोषण करते भोजपुरी के सुपरस्टार?

#कड़वा_सच
ना भोजपुरी गीत संगीत और सिनेमा इनकी बदौलत है और ना ही उसे आगे ले जाने में इन लोगों का योगदान है यह लोग ऐसे दौर में आए हैं जब डिजिटल क्रांति चरम पर है और इन्होंने अपने समकक्ष नए लोगों को आने से रोक रखा है पहले जात के नाम पर दो खेमों में बट कर अपनी दुकान चला ली और अब उत्कृष्ट कलाकारों को प्रमोट करने के नाम पर खुद का चेहरा चमका रहे हैं आप बिहार से हो और किसी भी जाति से हो एक बात तो जरूर समझ लीजिए कि जो लोग आपके जात के कलाकार होने के नाम पर समय-समय पर रो कर गाकर आपसे समर्थन मांगते हैं वह आपके समाज के सबसे बड़े दुश्मन है उन्होंने आपके समाज के लिए कुछ नहीं किया है सिर्फ आपकी भावनाओं को भरकाया है अगर वह अपने समाज के बच्चों के लिए पटना में एक हॉस्टल बनाते गरीब बेटियों की शादी करने के लिए ट्रस्ट बनाते जरूरत के वक्त आपके साथ खड़े रहते तो माना जा सकता था कि वह सच बोल रहे हैं। भोजपुरी सिनेमा और संगीत का सच समझना है तो इस तस्वीर को गौर से देखिए जी हां वही लड़की काजल है जो सोनपुर मेले के थिएटर में डांसर के रूप में वायरल हो गई थी इसके भी लाखों करोड़ों में चाहने वाले हैं अभी हाल में मलमास मेल राजगीर में भी इसकी घूम रही अब भोजपुरी के इस तथा कथित सुपरस्टार ने काजल की लोकप्रियता को बुलाने के लिए इसके साथ कई सारे प्रोजेक्ट की घोषणा कर दी है संभवत एक-दो दिनों में गाना भी आने वाला है पर जरा सौम्या पोखरेल और जनता बाजार के आर्केस्ट्रा में काम करने वाली काजल का हश्र देख लीजिए हाल ही में भागलपुर की एक लड़की वायरल हुई तो उसे भी एक गाने में मौका दे दिया पर क्या ऐसी लड़कियों के स्टारडम से अपना चेहरा चमकाने वाले तथाकथित सुपरस्टार उनके आर्थिक हालात को बदल पाते हैं अगर बदल पाते तो जनता बाजार वाली काजल को आज भी ट्रॉली पर नाचना नहीं पड़ता जितना काम देने का दावा हुआ अगर ढंग से कम मिलता तो वह आज एक स्थापित कलाकार होती। डिजिटल क्रांति आने के बाद यूट्यूब से खूब कमाई होती है और तमाम कलाकारों ने अपना खुद का यूट्यूब बना रखा है एल्बम में साथ में काम करने वाली लड़की को 10 20 25000 से ज्यादा नहीं मिलता अगर गाना चल निकला तो फिर जितनी कमाई हुई उसमें ₹1 भी हिस्सेदारी नहीं मिलता है। यादव सिंह पासवान टाइटल लगाकर यह लोग आपके हमारे भावनाओं के साथ खेलते हैं बेहतर चीजों को प्रमोट कीजिए पर सच से कभी भी मुंह मत छुपाइए भोजपुरी आज भी किसी के बदौलत नहीं है भोजपुरी के पास अपनी ख्याति है और यह मान भोजपुरिया लोगों ने ही संजो रखा है मनोरंजन के नाम पर अपनी भाषा का चीर हरण कर रहे लोग कभी भी भाषा के संरक्षक नहीं हो सकते गुड्डू रंगीला राधेश्याम रसिया जैसे कलाकारों का भी एक स्टारडम हुआ करता था पर आज देख लीजिए।जिस छपरा से खेसारी हुए वहां से महेंद्र मिश्रा और भिखारी ठाकुर जैसे भोजपुरी के पुरोधा निकल चुके हैं जी भोजपुरी के माटी से पवन निकले हैं वहां से गायत्री ठाकुर हनुमान पाठक जैसे भोजपुरी के अनमोल रतन पहले ही निकल चुके है। मनोरंजन के नाम पर गंदगी फैला रहे लोग कभी भी किसी जात के अगुआ नहीं हो सकते 
#अनूप

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