पटना। एक टन उत्पादन वाले राइस मिल पर तीन-तीन पैक्स को संबद्ध किए जाने के खिलाफ भोजपुर राइस मिल एसोसिएशन ने देश के प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रपति बिहार के मुख्यमंत्री राज्यपाल और तमाम आला अधिकारियों को फैक्स मेल और टेलीफोन के माध्यम से अपना विरोध जताया। जिस राइस मिल की क्षमता 3 दिन में एक लौट(290 क्विंटल) चावल तैयार कर आपूर्ति करने की है। वह राइस मिल 10 दिन में 21 लौट चावल की आपूर्ति कर चुका है. जिला सहकारिता पदाधिकारी से पूछने पर बताते हैं कि यह लोग पहले से चावल तैयार करके रखे हुए हैं. जबकि पूर्व से चावल तैयार करके रख पाने का कोई प्रावधान नहीं है जिन मिल्लरो के द्वारा चावल की आपूर्ति की जा रही है वह पहले से ना सूचीबद्ध हैं और ना ही उनको कोई आदेश जारी किया गया है जिस मिल का चयन हुआ उस मील से पहले से ही चावल तैयार करवा कर रखा गया है. प्राइवेट अरवा राइस मिल ओनर को चावल आपूर्ति से अलग किया गया है जबकि वरीय पदाधिकारियों की मिलीभगत से करोड़ों का घोटाला सिर्फ आरा जिले में हुआ है. जिसमें जिला सहकारिता पदाधिकारी भोजपुर की अहम भूमिका है उन्हीं के इशारे पर पूरा खेल हो रहा है. राइस मिल उदवंतनगर प्रखंड में है जबकि उसको जोड़ दिया गया है पिरो प्रखंड के पैक्स से वह भी गैरकानूनी है. आरा जिले में सरकार ने अरवा चावल के उत्पादन के लिए निजी क्षेत्र में कई सारे मिलो की स्थापना करवा दी पर सरकारी आदेश के बाद इन मिलों को अरवा चावल के उत्पादन पर रोक लगा दिया गया और ना ही इन मिलों को पैक्स से सूचीबद्ध किया गया जबकि कुछ बड़े माफियाओं के इशारे पर ऐसे मिलो को उसना चावल के उत्पादन का ठेका दिया गया जिनकी क्षमता नगण्य है बावजूद इसके वह बाहर से चावल मंगा कर उसकी आपूर्ति कर रहे हैं जबकि पैक्सो का धान नेपाल भेजा जा रहा है। पिछले कई महीनों से इस पूरे खेल का पर्दाफाश करने के लिए कई सारे संगठन लगे हुए हैं जिसमें भोजपुर राइस मिल ओनर एसोसिएशन प्रमुख है बिहार के तमाम बड़े पदाधिकारियों और राजनेताओं से गुहार लगाने के बाद भी जब राहत नहीं मिली तब आज मेल फैक्स और टेलीफोन के माध्यम से राष्ट्रपति प्रधानमंत्री और तमाम आला अधिकारियों को पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करने करवाने का मांग किया गया
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