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पांच के पंच में फंसे पटना के मेयर पद के चुनाव में काफी आगे निकल गई है माला सिन्हा

वोटो की गोलबंदी से नंबर वन पर माला सिन्हा
पटना। 20 अक्टूबर को पटना नगर निगम मेयर पद के लिए मतदान होना है चुनावी प्रचार चरम पर है हर एक प्रत्याशी एक दूसरे से खुद को बेहतर साबित करने में लगा हुआ है लगभग 17.25 लाख मतदाताओं को इस बार पटना नगर निगम में मतदान करना है पर जिस प्रत्याशी ने सबके होश उड़ा रखे हैं उसका नाम है माला सिन्हा माला सिन्हा वार्ड 44 की पार्षद है. अब जाने क्यों है पटना नगर निगम में सबसे सशक्त उम्मीदवार कायस्थ समुदाय से आने वाली माला सिन्हा पटना नगर निगम मेयर पद के बहाने कायस्थ समुदाय गोल बंद होने लगा है बिहार की राजनीति में हाशिए पर पहुंच चुका कायस्थ समुदाय पटना से मेयर पद पर अपनी दावेदारी को सुनिश्चित करना चाहता है और इसके पीछे 6.50 लाख मतदाताओं का दमखम भी है जो निर्णायक भूमिका में है। पटना नगर निगम से तमाम का संगठनों ने एकजुट होकर वार्ड 44 की निवर्तमान पार्षद और पटना से मेयर पद के सशक्त उम्मीदवार माला सिन्हा का समर्थन कर दिया है यह भी क्लियर हो चुकी है कि जितने भी प्रत्याशी हैं उनकी लड़ाई माला सिन्हा से ही है माला सिन्हा के पति सितेश रमन बिहार के बड़े बिल्डरों में गिने जाते हैं समाज सेवा के क्षेत्र में अच्छा खासा प्रभाव है माला सिन्हा कहती हैं कि पटना में उन्होंने एक वार्ड काउंसलर के रूप में जो काम किया है लोगो ने देखा है।
माला सिन्हा को मेयर पद के लिए गेम क्रमांक 15 पर चुनाव चिन्ह के रूप में टेबल लैंप छाप मिला है जबकि भी वार्ड 44 से वार्ड काउंसलर का भी चुनाव लड़ रही है जहां शुरू नहीं की हम क्रमांक पर चुनाव चिन्ह के रूप में मोमबत्ती छाप मिला है माला सिन्हा ने कहा कि विकास के प्रकाश को लेकर आई है इसीलिए उन्हें दोनों चुनाव चिन्ह वार्ड काउंसलर के रूप में मोमबत्ती छाप पटना से मेयर प्रत्याशी के रूप में टेबल लैंप छाप मिला है उन्हें पूरा विश्वास है कि पटना की शिक्षित समृद्धि जागरूक जनता उनके प्रति विश्वास जताएगी।जनसंपर्क अभियान के दौरान जाम में फंसी मेयर प्रत्याशी माला सिन्हा  गंदगी के अंबार को देखकर हो गई आगबबूला
 देर शाम पटना के कई इलाकों में जनसंपर्क के दौरान कचरे का अंबार को देखकर आग बबूला हो गई उन्होंने कहा कि पटना की जनता को डिसाइड करना है कि पटना नगर निगम को स्वच्छ बनाने वाले प्रत्याशी चाहिए या पटना को नरक निगम  बनाने वाले । उन्होने  कहा कि सिस्टम बदलने के लिए खुद को बदलना होगा पूरा सिस्टम करप्ट है आम आदमी से किसी को लेना देना नहीं है वे वार्ड काउंसलर है और वार्ड 44 के विकास के लिए उन्होंने लंबी लड़ाई लड़ी है यहां तो पूरे पटना को सुधारना है ऐसे में शिक्षित सशक्त प्रत्याशी चुनाव नहीं जीता तो पटना का कायाकल्प नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि ग्रीन पटना क्लीन पटना उनका कांसेप्ट है और उसका प्रयोग उन्होंने वार्ड 44 में किया है। अपने क्लीन पटना ग्रीन पटना अभियान की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा इस शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए शहर के एक नागरिक को जागरूक करना होगा कूड़े कचरे को सड़क पर या मोहल्ले के नुक्कड़ पर फेकने की जगह घर-घर डस्टबिन के माध्यम से कचरा इकट्ठा करवाना होगा शहर के खाली सरकारी जमीनों पर पार्क का निर्माण पौधे लगाए जाने चाहिए। शहर को जाम से मुक्त कराने के लिए नए यातायात व्यवस्था को लागू करवाना होगा  सड़कों को वनवे करना होगा वैकल्पिक रास्तों को चालू करना होगा लोगों को यातायात नियमों का पालन करवाने के लिए जागरुक करना होगा।

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