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साईं की रसोई वाली अमृता सिंह पटना से मेयर पद की उम्मीदवार

पटना इस बार सीधे अपने लिए मेयर चुन रहा है और यह सीट महिलाओं के लिए आरक्षित है इसी बीच एक बड़ा नाम जो मेयर के चुनाव में चर्चा के केंद्र में आ गया है वह नाम है अमृता सिंह का अमृता सिंह नव अस्तित्व फाउंडेशन के माध्यम से पूरे बिहार में विगत एक दशक से सेनेटरी नैपकिन अभियान को चला रही हैं कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जाकर बिहार का प्रतिनिधित्व कर चुकी है इससे भी बड़ी बात कि अमृता सिंह और पल्लवी सिन्हा की जोड़ी पटना में 5 वर्षों से अनवरत ₹5 की थाली साई की रसोई अभियान भी चला रही है जो पीएमसीएच और महावीर आरोग्य संस्थान में प्रतिदिन गरीब मरीजों के लिए उपलब्ध होता है पटना जल प्रलय के समय उन्होंने काफी बेहतर काम किया सैकड़ों लोगों के घरों का निर्माण करवाया कोविड काल में लगातार लोगों के लिए खाने पीने की व्यवस्था करती रही और इनकी व्यवस्था को राष्ट्रीय खबरिया चैनलों ने भी पूरी प्रमुखता के साथ दिखाया। साई की रसोई प्रधानमंत्री के मन की बात का भी हिस्सा बनी इन से प्रेरित होकर बिहार के कई जिलों में लोगों ने साईं की रसोई प्रारंभ की अमृता सिंह कहती हैं कि उनके पास न बाहुबल है ना धनबल है लोग इतना ज्यादा दबाव बना रहे थे इसलिए वह प्रयोग के तौर पर चुनाव में उतरी है वह बिना खर्च के चुनाव लड़ रही हैं हार जीत से पड़े उनकी सोच है पटना के वैसे मुखर मतदाताओं को आगे आना चाहिए जो चाहते हैं कि साफ-सुथरी छवि के और बेहतर काम करने वाले लोग उनका मेयर बने।

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