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इन चेहरों के बीच होगा पटना में मेयर की कुर्सी के लिए कांटे की टक्कर

नए नियम के तहत इस बार बिहार के सभी नगर निगम में आम जनता सीधे मेयर का चुनाव करेगी इसी क्रम में पटना में मेयर पद महिला के लिए आरक्षित कर दिया गया है राजधानी पटना बिहार का सबसे बड़ा नगर निगम है जहां 17लाख 25000 मतदाता 75 वार्डों में अपने महिला मेयर का चुनाव करेंगे। पटना में नामांकन प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है 20 अक्टूबर को मतदान होना है। पटना में मेयर पद के वैसे तो दर्जनों दावेदार हैं पर मुख्य मुकाबला तमाम सर्वेक्षणों के अनुसार 11 चेहरों के बीच ही होता नजर आएगा। धनबल बाहुबल और जातीय गोलबंदी अंतिम समय में हार जीत का फैसला करेगी जिसका मैनेजमेंट जितना तगड़ा होगा वह अंतिम समय में बाजी पलट सकता है किसी भी राजनीतिक दल ने किसी भी प्रत्याशी का समर्थन नहीं किया है सूत्रों के अनुसार स्थितियां इतनी विकट है कि चाह कर भी कोई दल किसी प्रत्याशी का समर्थन नहीं कर सकता पटना में मेयर पद के जिन चेहरों की चर्चा सबसे ज्यादा है उसमें पहला चेहरा है वार्ड 44 की वार्ड पार्षद माला सिन्हा का जो पटना के बड़े बिल्डर और समाजसेवी सितेश रमन की पत्नी है माला सिन्हा का वार्ड पटना का सर्वश्रेष्ठ वार्ड घोषित हुआ है उन्होंने अपने वार्ड में बेहतर काम किया है इसी आधार पर वे पटना में इस बार मेयर पद की दावेदार है साथ ही साथ माला सिन्हा वार्ड 44 से वार्ड पार्षद का भी चुनाव लड़ रही है माला सिन्हा कायस्थ जाति से आती हैं और बताया जा रहा है कि पटना नगर निगम में कुल 6:30 लाख कायस्थ मतदाता है। चुनाव प्रचार में सबसे ज्यादा चर्चा में चल रही विनीता बिट्टू सिंह की चर्चा पटना के हर गली मोहल्ले में आपको नजर आ जाएगी विनीता बिट्टू सिंह के पति बिट्टू सिंह राज्य के बड़े ठेकेदार हैं उन्हें पटना के कई चर्चित चेहरों का समर्थन प्राप्त है विनीता बिट्टू सिंह के पति बिट्टू सिंह विगत 6 महीने से पटना नगर निगम क्षेत्र में चुनाव प्रचार कर रहे हैं। राजपूत बिरादरी से आने वाले बिट्टू सिंह को अपर कास्ट वोटों की गोलबंदी की आस है। परिणाम चाहे कुछ भी हो पर चुनाव प्रचार में अभी नंबर वन पर इन्हीं का कुनबा है। पटना की निवर्तमान मेयर सीता साहू भी मैदान में है सीता साहू को अपने बनिया व साहू समाज के वोटरों की आस है जिनकी गोलबंदी उन्हें पुनः मेयर पद तक ला सकती है। पटना की में रह चुकी सीता साहू के चुनाव प्रचार की कमान उनके पुत्र के हाथ में है वह एक मैनेजमेंट के धाकड़ खिलाड़ी है जिसका प्रमाण उन्होंने समय-समय पर दिया है। पटना की निवर्तमान डिप्टी मेयर रजनी देवी के साथ यादव समुदाय गोलबंद नजर आ रहा है दीघा इलाके के पप्पू धप्पू गप्पू के नाम से चर्चित पप्पू राय की भौजाई रजनी देवी का चुनाव प्रचार भी व्यापक स्तर पर चल रहा है। पप्पू राय राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के करीबी बताए जाते हैं दीघा विधानसभा क्षेत्र से 2020 के विधानसभा चुनाव में इनके नाम की चर्चा थी पर यह सीट माले को चली गई थी पप्पू राय का कुनबा काफी बड़ा है। इन्होंने भी पटना में कई जोरदार जनसभाएं की है। पटना से मेयर रह चुके अफजल इमाम की पत्नी डॉ मजहबी इमाम भी इस बार पटना से मेयर की प्रबल दावेदार है उनके नुक्कड़ सभाओं में भी भारी भीड़ जुट रही है उनके पति अफजल इमाम ने खुद चुनाव प्रचार की कमान संभाल रखी है पटना नगर निगम में मुस्लिम मतदाताओं के साथ ही साथ पिछड़ी जातियों पर इनका प्रभाव है। अफजल इमाम भी राजद के समर्थक बताए जाते हैं उन्हें एमवाई समीकरण का भी भरोसा है उनके प्रचार वाहन भी पटना के गलियों में नजर आने लगे है। एक्यूप्रेशर योग कॉलेज वाले डॉक्टर अजय प्रकाश की पत्नी वीणा कुमारी भी मैदान में है।डॉक्टर अजय प्रकाश ने भी एक साल पहले से ही अपना चुनाव प्रचार शुरू कर दिया था पटना में सबसे ज्यादा होडिंग बैनर इनके नजर आ रहे थे महिला आरक्षित सीटों के बाद अपनी पत्नी बिना कुमारी को चुनावी मैदान में उतारा है यह भी बनिया जाती से आते हैं। डॉ अजय प्रकाश भाजपा से जुड़े हैं उन्हें वहां से भी आस है। जेडीयू  के बड़े नेता कमल नोपानी की पत्नी सरिता नोपानी भी एक प्रबल दावेदार हैं इनका भी प्रचार प्रसार जोरों से चल रहा है। सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभाने वाले कमल नोपानी को जदयू के वोट बैंक के गोलबंदी की आस है। समाजिक संगठन इनके लिए काम कर रहे है। पटना के बाद 31व 32 की पार्षद रह चुकी पिंकी यादव ने भी मेयर पद के लिए हुंकार भरी है पिंकी यादव को यादव मतदाताओं का आस है उनके चुनाव प्रचार की कमान उनके पति ने संभाल रखी है पटना के यादव बहुल  इलाके में रजनी देवी के बाद पिंकी यादव की भी खूब चर्चा हो रही है।₹5 में भरपेट भोजन तथा लड़कियों के लिए सेनेटरी नैपकिन के कारण चर्चा में आई साईं की रसोई वाली अमृता सिंह के भी चुनाव लड़ने की घोषणा हो चुकी है। एकीकृत समाजिक संगठनों की  उम्मीदवार है इन्होंने पटना जल प्रलय कोरोना काल में काफी बेहतर काम किया है विगत पांच बरसो सेपीएमसीएच तथा महावीर कैंसर संस्थान में इनकी साईं की रसोई की धूम रही है। अमृता सिंह को पटना के वैसे वोटरों का आस है जो जात पात और धर्म से ऊपर उठकर एक जुझारू महिला को अपना मेयर चुने। पटना दूरदर्शन की पूर्व निर्देशिका  साहित्यकार रत्ना पुरकायस्था ने भी पटना मेयर के लिए अपनी दावेदारी प्रस्तुत की है कायस्थ जाति से आने वाली रत्ना पुरकायस्था को पटना के सभी प्रबुद्ध वर्गों का साथ मिलने का आस है पर जानकार बताते हैं कायस्थ मतदाताओं का एक वर्ग इनके साथ है। सोशल मीडिया पर इनकी कैंपेनिंग काफी सुव्यवस्थित ढंग से चल रही है। पालीगंज से राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ चुकी मधु मंजरी भी पटना से मेयर पद की एक प्रबल दावेदार है कुशवाहा जाति से आने वाली मधु मंजरी का चुनाव प्रचार भी अन्य प्रत्याशियों की तरह युद्ध स्तर पर है। कुशवाहा समुदाय से जुड़े संगठनों ने खुलेआम इनका समर्थन किया है। मधु मंजरी भी पटना में सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय रहने वाली महिला के तौर पर जानी जाती हैं फिलहाल यह राजद में है। पटना से मेयर पद के उम्मीदवारों की तादाद 15 से 20 रहने की संभावना जताई जा रही है पर यह ग्यारह प्रबल चेहरे चुनाव में बड़ा प्रभाव डालने की स्थिति में है नामांकन के बाद चुनाव प्रचार की आपाधापी में यह तय हो पाएगा की अंतिम कौन लड़ाई में बच पाते हैं।सूत्र बताते हैं अंतिम लड़ाई धन बल बाहुबल जात धर्म के गोरबंदी के आधार पर ही तय होगी हालाकि माना जाता है कि पटना नगर निगम क्षेत्र में बिहार के सर्वाधिक शिक्षित और प्रबुद्ध मतदाता रहते है यह देखना लाजमी होगा की पटना की जनता जात को चुनती है धन कुबेर को चुनती है समाज सेवी को चुनती है या कोई चौकाने वाला फैसला देती है। 
© अनूप नारायण सिंह

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