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#ब्राह्मणों के प्रति #अमर्यादित शब्द का इस्तेमाल #कुत्सित #मानसिकता का #परिचायक कहा #युवराज_सुधीर_सिंह ने

छपरा।समाज में जात पात धर्म के नाम पर वोट बैंक की राजनीति करने वाले लोग सदैव समाज को तोड़ने का काम करना चाहते हैं हाल ही में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के द्वारा ब्राह्मणों के प्रति दिए गए आपत्तिजनक बयान पर सारण प्रमंडल में सबसे पहले अगर किसी नेता ने प्रतिकार किया तो वह पूर्व राजद सांसद प्रभुनाथ सिंह के भतीजे युवराज सुधीर सिंह ने एक विशेष बातचीत में युवराज सुधीर सिंह ने कहा की माझी जी को सार्वजनिक रूप से अपने बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए उनके द्वारा जिन शब्दों का इस्तेमाल किया गया है संसदीय राजनीति में ऐसे शब्दों का कोई स्थान नहीं है इससे समाज में विद्वेष की भावना पैदा होती है दो वर्गों के बीच संघर्ष की भावना पैदा होती है उन्होंने कहा कि डरपोक व कमजोर लोग दो जातियों के बीच जहर फैलाने का काम करते हैं ब्राह्मणों का इतिहास उज्जवल रहा है ब्राह्मण सदैव से पूजनीय रहे हैं वर्ण व्यवस्था में ब्राह्मणों को सर्वोच्च स्थान दिया गया किसी के कहने से कोई बड़ा या कोई छोटा नहीं हो सकता आस्था सबसे बड़ी चीज होती है आप किसी छोटी सोच के कारण किसी भी समाज को लांछित नहीं कर सकते यह क्षमा योग्य नहीं है युवराज सुधीर सिंह ने कहा कि कुछ लोग जात के नाम पर ही अपना चेहरा चमकाते हैं उन्होंने कहा कि पटना में एक छोटे से बच्चे के इलाज के लिए ₹16 करोड़ चाहिए वह बच्चा यादव समुदाय से आता है जितने भी बड़े बड़े यादव समाज के सुपरस्टार चेहरे उस बच्चे के घर गए किसी ने कोई बड़ी मदद नहीं की जात के नाम पर। फोटो खिंचवाया सहानुभूति बटोरी और उड़नछू हो गए। वे आयांश के घर नहीं गए फोटो खिंचवाने लेकिन सबसे पहले उन्होंने खुद मदद की अपने सहयोगियों से मदद करवाया और आगे भी उस बच्चे की मदद के लिए आगे आने वाले है। उनकी टीम लगी हुई है फिर इसमें जात कहां आता है। कुछ लोगों को दलितों से ब्राह्मणों को यदुवंशियों से रघुवंशीयों को लड़ाने में आनंद आता है लेकिन समाज को एकजुट करने के लिए कोई पहल नहीं होती सिर्फ बात बनाने से और लंबी लंबी फेंकने से कुछ नहीं होने वाला है समाज के लिए कुछ बड़ा कीजिए खामोश रहीए फिर देखिए कैसे समाज आपके साथ खड़ा है पर किसी भी जात के लिए अमर्यादित शब्द का इस्तेमाल करके उसकी भावना को भड़का कर आप किसी दूसरे को तत्काल परेशान कर सकते हैं लेकिन जब आपके समाज को इस बात का एहसास होगा कि उसे आप यूज कर रहे हैं उसके मान सम्मान को यूज कर रहे हैं उस दिन सोचिए आपका क्या होगा।ही एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी भी किसी भी कलाकार का व्यक्तिगत विरोध नहीं किया पर अश्लीलता का विरोध किया था कर रहे हैं और भविष्य में भी करेंगे जब तक अश्लीलता समाप्त नहीं होगी अश्लील गायको गीतकारो सब का विरोध होगा और जिस रूप में संभव होगा उस रूप में विरोध होगा। उन्होंने कहा कि जनतंत्र में जनता ही तंत्र को चलाती है फूट डालो राज करो की नीति बंद कीजिए जात पात के नाम पर लोगों को बांटना बंद कीजिए आप गलत है तो गलत है इस चीज को मानिए।

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