दिव्यांग छात्रों का नामांकन नहीं लेने वाले स्कूलों पर कार्रवाई होगी। ऐसे स्कूल पर दस हजार रुपये का जुर्माना लगेगा। राज्य सरकार ऐसे स्कूलों का एनओसी भी वापस ले सकती है। हाल में कई निजी स्कूल की शिकायत बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के पास पहुंची है। ऐसे में बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा राज्य भर के स्कूलों को पत्र लिख कर इसकी जानकारी दी गयी है।
ज्ञात हो कि समग्र शिक्षा के तहत हर तरह के बच्चे एक जैसे स्कूल में पढ़ेंगे। लेकिन कई निजी स्कूलों द्वारा दिव्यांग बच्चे का नामांकन नहीं लिया जाता है। दिव्यांग बच्चे जब किसी स्कूल में नामांकन लेने जाते हैं तो उन्हें यह कह कर वापस कर दिया जाता है कि उनके लिए स्कूल में व्यवस्था नहीं है। जबकि स्कूलों को दिव्यांग बच्चों के पढ़ाने की पूरी व्यवस्था करनी है।
राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी सुनयना कुमारी ने कहा, 'कई स्कूलों द्वारा दिव्यांग बच्चों का नामांकन स्कूल द्वारा नहीं लिया जा रहा है। इसकी शिकायत हमें प्राप्त हुई है जबकि समावेशी शिक्षा के तहत सभी तरह के बच्चे अब एक जैसे स्कूल में पढ़ेंगे।'
दिव्यांग छात्रों को शिक्षा के अधिकार के तहत पांच फीसदी का आरक्षण भी प्राप्त है। इस नियम को कोई भी स्कूल नहीं मानता है। शिक्षा के अधिकार के तहत 25 फीसदी गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने का प्रावधान है। इसी में पांच फीसदी आरक्षण दिव्यांग छात्रों के लिए है। इस नियम की जानकारी भी स्कूल के पास नहीं है।
0 Comments