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जमीन के प्रति लोगों का बढ़ा क्रेज?

छोटे शहरों में जमीन की खरीद-बिक्री बढ़ी है। इसी का नतीजा है कि निबंधन राजस्व का लक्ष्य हासिल करने में छोटे शहर आगे हैं। अभी तक 34 छोटे शहरों ने समय से पहले ही 100 प्रतिशत से अधिक राजस्व लक्ष्य हासिल कर लिया है। वर्ष 2021-22 में 17 दिसंबर तक निबंधन विभाग ने 7.82 लाख दस्तावेज का निबंधन किया है, जिससे 3307 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। 31 दिसंबर तक का लक्ष्य 3420 करोड़ है, जो माह के आखिरी तक हासिल कर लेने का अनुमान है। हालांकि राशि के हिसाब से देखें तो पटना और दानापुर का अब भी दबदबा है। सिर्फ इन दोनों ने अभी तक करीब 400 करोड़ का राजस्व विभाग को दिया है।निबंधन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर तक सबसे अधिक 167 फीसद लक्ष्य शेखपुरा ने हासिल किया है। इसका सालाना राजस्व लक्ष्य 24.50 करोड़ था जबकि अभी ही इसने 27.81 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त कर लिया है। महत्वपूर्ण शहरों में खगड़िया, बेगूसराय, सीतामढ़ी सदर, भागलपुर, राजगीर, जमुई, कटिहार, औरंगाबाद, किशनगंज, नवादा, फुलवारीशरीफ, सिवान सदर, मसौढ़ी, पूर्णिया सदर और दानापुर ने भी 100 प्रतिशत से अधिक का लक्ष्य हासिल किया है। 
राजस्व लक्ष्य के हिसाब से हाजीपुर, मुंगेर, आरा, गया और जहानाबाद जैसे निबंधन कार्यालय अभी पीछे चल रहे हैं। मुंगेर ने लक्ष्य का 85 प्रतिशत, मधेपुरा ने 83 प्रतिशत, आरा ने 82 प्रतिशत और गया व जहानाबाद ने 81 प्रतिशत ही राजस्व लक्ष्य हासिल किया है। इस वित्तीय वर्ष में पटना निबंधन कार्यालय के पास सबसे अधिक 410 करोड़ के राजस्व का लक्ष्य है। दिसंबर तक पटना को 277 करोड़ रुपये के राजस्व का लक्ष्य था जिसके विरुद्ध मध्य दिसंबर तक 258 करोड़ का राजस्व वसूला गया है। यह 93 प्रतिशत के आसपास है। दानापुर 139 करोड़ के साथ दूसरा सबसे अधिक राजस्व देने वाला कार्यालय बन गया है। इसके बाद 107 करोड़ के साथ मुजफ्फरपुर का स्थान है।

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