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150_साल_पुराने_मंदिर_में_पूरी_होती_है_मन्नत

 
शक्ति उपासना स्थलों में पटना का दरभंगा हाउस काली मंदिर का अलग स्थान है। अशोक राज पथ में गंगा तट पर स्थित यह मंदिर करीब डेढ़ सौ साल पुराना है। ऐसी मान्यता है कि सच्चे मन से जो भी भक्त यहां आकर माता की चरणों में शीश नवाते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं, उनकी मन्नत पूरी होती है। दरभंगा महाराज राजा कामेश्वर सिंह द्वारा निर्मित यह मंदिर इसलिए भी खास है कि यहां आज भी बली देने की परंपरा कायम है। दशहरा में नवमी के दिन बली दी जाती है। इसके अलावा अन्य दिनों पूजा के दौरान नारियल की बली दी जाती है। हर शनिवार और मंगलवार को यहां हजारों श्रद्धालु पूजा करने आते हैं। मंदिर के पहले पुजारी स्व जटाधर झा थे। परंपरा के अनुसार अभी भी उनके वंशज दीनानाथ झा पुजारी हैं।दरभंगा हाउस को नव लखा भवन भी कहा जाता है। इसे दरभंगा के महाराजा सर कामेश्वर सिंह ने बनवाया था। गंगा के किनारे स्थित इस इमारत में एक काली का मंदिर है जो देवी दुर्गा की पूजा के लिए जाना जाता है

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