नई दिल्ली (New Delhi), 26 जुलाई। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को देश के विभिन्न राज्यों से 43 केंद्रीय विद्यालय बनाने के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इनमें सबसे अधिक 10 प्रस्ताव जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) से हैं। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) से 6 प्रस्ताव, राजस्थान (Rajasthan) से 5 और झारखंड (Jharkhand) से एक केंद्रीय विद्यालय बनाने का प्रस्ताव मिला है।
केंद्रीय विद्यालय संगठन द्वारा रांची में पहले से प्रस्तावित छह में से पांच केंद्रीय विद्यालय (Kendriya Vidyalaya) तैयार किए जा चुके हैं। इन पांच केंद्रीय विद्यालयों में खेल के मैदान, पानी की आपूर्ति, बिजली की आपूर्ति, लड़कों, लड़कियों के लिए शौचालय और रैंप आदि जैसी सुविधाओं के साथ-साथ अच्छे स्कूल भवन के बुनियादी ढांचे प्रदान किए गए हैं। शेष एक केवी (एचईसी रांची) भूमि के संबंध में राज्य सरकार द्वारा अभी तक हस्तांतरित नहीं किया गया है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Education Minister Dharmendra Pradhan) ने सोमवार को लोकसभा में बताया कि केवीएस के पक्ष में स्थायी विद्यालय भवन के निर्माण की कार्यवाही भूमि के हस्तांतरण एवं धनराशि की उपलब्धता के आधार पर ही प्रारंभ की जा सकती है।
साथ ही शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि केन्द्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) को झारखंड राज्य सरकार से रांची संसदीय क्षेत्र के खलारी, सिल्ली और चांडिल में नए केवी खोलने के लिए निर्धारित प्रपत्र में कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है।
शिक्षा मंत्री के मुताबिक नए केंद्रीय विद्यालय (केवी) खोलना एक सतत प्रक्रिया है। केवी मुख्य रूप से रक्षा और अर्ध-सैन्य कर्मियों, केंद्रीय स्वायत्त निकायों, केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) और केंद्रीय उच्च शिक्षा संस्थान (आईएचएल) सहित हस्तांतरणीय केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चों की शैक्षिक जरूरतों को पूरा करने के लिए खोले जाते हैं।
राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (आरयूएसए), एक केंद्र प्रायोजित योजना (सीएसएस) एक व्यापक योजना है, जो राज्य सरकार के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को इक्विटी, पहुंच और उत्कृष्टता के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए वित्त पोषण के लिए मिशन मोड में काम कर रही है। झारखंड राज्य को 60 अनुपात 40 के हिसाब से 374.40 करोड़ आंवटित किए गए हैं। इसमें से 235.79 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं।
शिक्षा मंत्री नए केवी खोलने के प्रस्तावों पर तभी विचार किया जाता है, जब भारत सरकार के मंत्रालयों या विभागों, राज्य सरकारों या केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) प्रशासनों द्वारा प्रायोजित किया जाता है। प्रत्येक नया केवी स्थापित करने के लिए संसाधन उपलब्ध कराए जाते हैं। नए केवी खोलने के लिए अनिवार्य पूर्व-आवश्यकता को पूरा करने वाले विभिन्न प्रायोजक प्राधिकरणों से प्राप्त प्रस्तावों को चैलेंज मेथड के तहत ऐसे अन्य प्रस्तावों के साथ प्रतिस्पर्धा करना है और सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन के अधीन भी है।
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