नई दिल्ली (New Delhi), 25 जून। कृषि कानून के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन के बीच पूरे देश में 26 जून को कृषि बचाओ, लोकतंत्र बचाओ दिवस मनाने की तैयारी चल रही है। इसको लेकर जगह जगह से सैंकड़ों की संख्या में किसान ट्रैक्टर लेकर बॉर्डर की ओर रवाना भी हो चुके हैं। ऐसे में किसान दिल्ली में एलजी अनिल बैजल से मुलाकात कर उन्हें राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपने पर भी विचार कर रहे हैं।
एसकेएम के अनुसार, ग्रामीण किसान मजदूर समिति (जीकेएस) के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों का एक बड़ा काफिला आज राजस्थान के श्री गंगानगर से शाहजहांपुर बार्डर के लिए रवाना हो गया है।
इसी तरह, बागपत और सहारनपुर के किसानों के गाजीपुर बॉर्डर पर बीकेयू टिकैत के नेतृत्व में आने की उम्मीद है।
हालांकि किसान नेताओं से जब पूछा गया कि, 26 जून को दिल्ली जाने को लेकर क्या मंथन चल रहा है ? इस सवाल के जवाब में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि, दिल्ली जाने का विचार किया जा रहा है और ये भी तय किया जा रहा है कि कौन कौन जाएगा। दिल्ली में उपराज्यपाल से बात हो और पूरे देश में सभी राजभवनों पर किसान पहुंचेंगे और भारत सरकार के खिलाफ ज्ञापन सौपेंगे।
उस ज्ञापन में कहा जाएगा कि, सरकार हमारी बात नहीं सुन रही है आप हमारी बात राष्ट्रपति तक पहुंचाएं।
दिल्ली जाने का क्या माध्यम रहेगा ट्रैक्टर या गाड़ियां ? इस सवाल के जवाब में टिकैत ने कहा कि, शुक्रवार को इस पर सलाह ली जाएगी कि कैसे जाएंगे। कल परिवार के लोग ट्रैक्टर लेकर बॉर्डर पहुंच रहे हैं।
दरअसल 26 जून को होने वाले विरोध प्रदर्शन में पूरे भारत में जिला/तहसील स्तर पर विरोध प्रदर्शनों के अलावा विभिन्न राज्यों के राजभवनों में धरना-प्रदर्शन में किसान शामिल होंगे।
वहीं किसान आपस में इस बात पर विचार कर रहें है कि दिल्ली गाडियों से जाया जाए या ट्रैक्टरों से उप राज्यपाल से मुलाकात करने पहुंचे। साथ ही कितने लोग मुलाकात में शामिल हो, इसके बाद ही दिल्ली पुलिस को किसान अपने रणनीति के बारे में सूचना देंगे।
जबकि दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक, कोशिश यही की जाएगी कि कम से कम लोग दिल्ली के लिए जाएं और गाड़ियों से जाएं। यदि किसान ट्रैक्टर ले जाने की जिद करते हैं तो एक या दो ट्रैक्टर से किसान अपना ज्ञापन दिल्ली के उपराज्यपाल को सौपें।
हालांकि उन ट्रैक्टर के ड्राइवर का नाम और ट्रैक्टर का नम्बर नोट करने के बाद, उनके आगे दिल्ली पुलिस की गाड़ी साथ रहेगी ताकि किसान इधर उधर जाने की कोशिश न कर सकें।
फिलहाल अभी पूरा कार्यक्रम तय नहीं हुआ है, गुरुवार शाम किसान नेताओं की गाजीपुर बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस के साथ एक बैठक भी हुई जिसमें भी कुछ तय नहीं हो सका।
किसानों ने साफ कर दिया है कि शुक्रवार को इस मसले पर आखिरी विचार किया जा सकता है जब नरेश टिकैत के नेत्रत्व में किसानों के ट्रैक्टर बॉर्डर पहुंचेंगे।
इसके साथ ही भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने राकेश टिकैत ने कहा है कि, किसान के ट्रैक्टरों का मुंह आज भी दिल्ली की ओर है। हम दिल्ली जाएंगे, और बताकर जाएंगे। अभी किसान ट्रैक्टर मार्च निकालकर रिहर्सल करने में लगा है।
रिहर्सल सरकार को चेताने के लिए है। दो-दो जिलों को रिहर्सल के लिए ट्रैक्टर मार्च लेकर गाजीपुर बार्डर आने का आह्वान किया गया है। पहला मार्च शुक्रवार को गाजीपुर बार्डर पहुंचेगा।
किसानों का इलाज संसद में होगा और सरकार में बैठे लोगों का इलाज गांव में होगा। हमने अहंकारी सरकार का मर्ज पकड़ लिया है। उस मरज की दवा भी मिल गई और पहली ही खुराक ने बीमारी पर काबू करना भी शुरू कर दिया।
भारतीय किसान यूनियन के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने बताया कि, गुरूवार को सहारनपुर से ट्रैक्टर मार्च शुरू हो गया है। रास्ते में इस मार्च में मुजफ्फरनगर जिले के ट्रैक्टर भी शामिल होंगे। मुजफ्फरनगर होते हुए यह ट्रैक्टर मार्च मेरठ के सिवाया टोल पहुंचेगा। रात में ट्रैक्टर मार्च का पड़ाव सिवाया टोल पर रहेगा।
शुक्रवार की सुबह 10 बजे ट्रैक्टर मार्च सिवाया टोल से गाजीपुर बार्डर के लिए चलेगा। भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत की अगवानी में ट्रैक्टर मार्च शुक्रवार शाम पांच बजे गाजीपुर बार्डर पहुंचेगा।
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