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बिहार : पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल 6 माह बढ़ाने की मांग की


पटना (Patna), 29 मई। बिहार (Bihar) में कोरोना (Corona) काल के बीच पंचायत चुनाव को लेकर संशय कायम है। भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के सांसद रामकृपाल यादव (MP Ramkripal Yadav) के बाद शुक्रवार को सरकार में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (Hindustani Awam Morcha) के प्रमुख जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने भी कोरोना संकट को देखते हुए पंचायत प्रतिनिधियों का चुनाव छह महीने बढाने की मांग की है।

पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शुक्रवार को अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा, कई बार आपातकाल के दौरान लोकसभा के कार्यकाल को संविधान के आर्टिकल 352 के तहत बढ़ा दिया गया। कोरोना के आपात संकट को ध्यान रखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह है कि पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल कम से कम 6 माह के लिए बढ़ा दिया जाए, जिससे ग्रामीण इलाके का विकास कार्य चलता रहे।

बिहार में पंचायती राज संस्थाओं का कार्यकाल 15 जून को समाप्त हो रहा है, लेकिन कोरोना की स्थिति को देखते हुए समय पर चुनाव करा पाना संभव नहीं दिख रहा है। पंचायत चुनाव को लेकर सरकार या निर्वाचन विभाग ने चुनाव को लेकर अब तक कोई घोषणा नहीं की है।

उल्लेखनीय है कि गुरुवार को भाजपा (BJP) सांसद रामकृपाल यादव ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर पंचायत प्रतिनिधियों के खत्म हो रहे कार्यकाल के बाद जब तक चुनाव नहीं हो जाता है और नए जनप्रतिनिधि नहीं आ जाते हैं, तब तक पुराने जन प्रतिनिधियों का कार्यकाल बढ़ाने की मांग की है।

पाटलिपुत्र (Patliputra) के सांसद यादव ने अपने पत्र में लिखा है, कोरोना महामारी के कारण बिहार पंचायत चुनाव 2021 फिलहाल टलने की स्थिति में पहुंच गया है। चुनाव नहीं होने की स्थिति में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के समक्ष संवैधानिक संकट पैदा हो जाएगा।

उन्होंने आगे लिखा है कि केन्द्र सरकार और राज्य सरकार की अधिकतर योजनाएं जो पंचायतों के विकास से संबंधित हैं, उनके कार्यान्वयन में भी प्रशासनिक संकट पैदा होने की स्थिति है। वैसी अपरिहार्य स्थिति में बिहार सरकार को किसी विधि सम्मत निर्णय लेना होगा, जिससे त्रिस्तरीय पंचायती राजव्यस्था प्रभावी ढंग से गांव के विकास में पूर्ववत कार्य करती रहे।

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