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नीतीश कुमार बनेंगे मोदी कैबिनेट में मंत्री, एक्जिट पोल बना रहा ऐसी परिस्थितियां


 8 नवम्बर 2020
: बिहार में NDA और महागठबंधन के बीच 5 से 10 सीटों का फासला रहेगा। टक्कर कड़ी है। इसलिए कोई भी किसी पर भारी पड़ सकता है। 10 नवम्बर अब ज्यादा दूर नहीं है।

JDU की सीटें पहले की तुलना में कम होंगी - यह तो साफ है, और सभी अनुमानों (Exit Polls) में भी ऐसा ही दर्शाया गया है। पर BJP की सीटें पहले की तुलना में कम होंगी, इसे लेकर संदेह जरूर है। मुझे लगता है कि बीजेपी की सीटें पहले की तुलना में बढ़ेंगी। अब कितनी बढ़ेंगी, यह तो EVM खुलने के बाद ही पता चलेगा। 

मुझे लगता है कि सिंगल लारजेस्ट पार्टी के लिए राजद और भाजपा में टसल हो सकता है। अगर इस मुकाबले में भाजपा ज्यादा पीछे रही तब तो महागठबंधन आसानी से सरकार बना लेगी। लेकिन अगर इस मुकाबले में भाजपा आगे निकल गई या करीब-करीब RJD के आस-पास भी रही तो फिर #एनडीए और महागठबंधन की कुल सीटों में भी बहुत ज्यादा फासला नहीं रह पायेगा। 

महागठबंधन अगर 122 के आंकड़े को पार कर गई तब तो तेजस्वी ही मुख्यमंत्री बनेंगे। लेकिन अगर 2-4 सीट भी पीछे रही और जोड़-तोड़ की नौबत आ गई तो बीजेपी ऐसी स्थिति में बाजी मार सकती है।

इन सबके बीच एक चीज तो करीब-करीब तय है कि नीतीश कुमार अगले मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। महागठबंधन की सरकार बनेगी तब तो नहीं ही बनेंगे, और अगर किसी तरह से NDA की भी सरकार बन गई तो भी नहीं बनेंगे क्योंकि ऐसी परिस्थिति में जेडीयू की तुलना में भाजपा की सीटें ज्यादा होंगी तो निश्चित ही भाजपा वाले अपना मुख्यमंत्री बनाना चाहेंगे।

लम्बे समय तक बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके नीतीश कुमार अब केन्द्र सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में दिखेंगे। अगर महागठबंधन की सरकार बनी तो बिहार विधान परिषद में बैठने से जरूर बेहतर होगा कि नीतीश कुमार केन्द्र में मंत्री बनें। अगर भाजपा के मुख्यमंत्री वाली एनडीए सरकार बनी, तब भी नीतीश कुमार के लिए केन्द्र में मंत्री बनना ही बेहतर होगा। 

हां, यह भी हो सकता है कि लंबे समय से राजनीतिक पालियां खेल रहे नीतीश कुमार राज्यपाल जैसे आरामदायक पद की चॉइस करें। पर शायद ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस बात के लिए तैयार हों, क्योंकि आगामी बंगाल विधानसभा चुनाव में ममताबनर्जी के खिलाफ प्रचार के लिए प्रधानमंत्री मोदी के सहयोगी के रूप में नीतीश कुमार से ज्यादा उपयुक्त कौन हो सकता है ! इसलिए निश्चित ही प्रधानमंत्री मोदी नीतीश कुमार को खींचकर अपने कैबिनेट में ले जाने का प्रयास करेंगे।

(उपर्युक्त आर्टिकल वरिष्ठ पत्रकार धनंजय कुमार सिन्हा के फेसबुक वाल से ली गई है। विभिन्न टेलीविजन चैनलों द्वारा दिखाए गए एक्जिट पोल पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उनका यह संभावित आकलन है)

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